छत्तीसगढ़ में 26 जवानों की जान लेने के बाद नक्सलियों ने बुधवार से पांच राज्यों में बंद का ऐलान किया है। बिहार, झारखंड, पं. बंगाल, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा को पूरी तरह बंद रखने का फैसला लिया गया है। नक्सलियों के इस ऐलान के बाद केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक सतर्क हो गई हैं। रेलवे ने भी खुद को हाई अलर्ट रखा हुआ है। कई ट्रेनों को रद्द करने के साथ स्टेशनों और ट्रेनों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। नक्सल बंद के दौरान कोई भी ट्रेन ६५ किलोमीटर से अधिक गति से नहीं दौड़ेगी।सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में मंगलवार को नक्सलियों ने एक बार फिर घात लगाकर हमला किया, जिसमें सीआरपीएफ के 26 जवान शहीद हो गए। हमले में 12 जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। नारायणपुर से करीब 32 किमी दूर सीआरपीएफ के धौड़ाई कैंप से मंगलवार सुबह लगभग 70 जवानों की टीम रोड ओपनिंग के लिए निकली थी। टीम के साथ जिला पुलिस और एसपीओ के जवान भी थे।
जवान काम खत्म करने के बाद दोपहर करीब डेढ़ बजे पैदल लौट रहे थे। कैंप से लगभग साढ़े तीन किमी दूर महिमागावाड़ी में 500 से अधिक नक्सली घात लगाकर बैठे थे। जवानों के नजदीक आते ही एके-47 जैसे हथियारों से लैस नक्सलियों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। ज्यादातर मौतें नक्सलियों की तरफ से हुई पहली फायरिंग में ही हुईं। सीआरपीएफ के महानिदेशक विश्वरंजन ने 26 जवानों के शहीद होने की पुष्टि की।
सीआरपीएफ और जिला पुलिस के जवानों ने नक्सलियों का डटकर मुकाबला किया। सीआरपीएफ के आईजी आरके दुआ ने बताया कि मुठभेड़ करीब ढाई घंटे तक चली। इलाके में संचार सुविधाएं ठप होने से प्रशासन को हादसे की सूचना देरी से मिली।
घायल जवानों को लाने के लिए वायुसेना का हेलिकॉप्टर भेजा गया, लेकिन कुछ समस्याओं की वजह से वह घटनास्थल के पास लैंड नहीं कर पाया। घायलों को सड़क के रास्ते जगदलपुर के अस्पताल लाया गया।
हमले के मद्देनजर मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने अपने निवास पर आला अफसरों की आपात बैठक बुलाई। उन्होंने गृहमंत्री पी. चिदंबरम को भी घटना की जानकारी दी।
तीन महीने में तीसरा बड़ा हमला
बीते तीन महीनों में नक्सलियों का यह छत्तीसगढ़ में तीसरा बड़ा हमला है। छह अप्रैल को दंतेवाड़ा में सीआरपीएफ के जवानों को घेर कर हमला किया था, जिसमें 76 जवान शहीद हो गए थे। वहीं दूसरी घटना में सुकमा के पास एक यात्री बस को बारूदी सुरंग से उड़ा दिया था, जिसमें 31 लोगों की मौत हो गई थी। मृतको में 15 एसपीओ और 16 आम लोग शामिल थे।
जम्मू कश्मीर के हालात एकाएक काबू के बाहर हो गए हैं। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने आज राज्य में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए हालात पर काबू पाने के लिए केंद्र से सेना की मदद मांगी है। हालांकि अभी इसपर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन राज्य की स्थिति को देखते हुए सेना को अलर्ट रहने को कह दिया गया है। यदि आने वाले समय में स्थिति नियंत्रण के बाहर हुई तो जम्मू-कश्मीर के उपद्रवगस्त क्षेत्रों को सेना के हवाले किया जा सकता है।



एक सेकेण्ड जो जिंदगी बदल दे

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