प्रोड्यूसर:एकता कपूर,शोभा कपूर
डायरेक्टर:मिलन लुथरिया
कलाकार:अजय देवगन,इमरान हाश्मी,कंगना राणावत,प्राची देसाई और रणदीप हुड्डा
रेटिंग:3रिलीज़ से पहले कई विवादों में फंस चुकी फिल्म 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई' कहने की जरुरत नहीं 70 के दशक पर आधारित एक फिल्म है|फिल्म की कहानी है घूमती है सुल्तान मिर्ज़ा(अजय देवगन) और शोएब खान(इमरान हाश्मी)के इर्द गिर्द जिनकी कहानी को एसीपी एग्नल विल्सन सुनाता है|एसीपी एग्नल विल्सन की भूमिका अदा की है रणदीप हुड्डा ने|
फिल्म की शुरुआत होती है एसीपी(रणदीप हुड्डा)पर फिल्माए गए एक सीन से जहां वह अस्पताल में भर्ती है क्यों कि उसने आत्महत्या करने की कोशिश की है|एसीपी से मिलने उसके एक उच्च अधिकारी आते हैं और एसीपी से यह जानने की कोशिश करते हैं कि उसने एक काबिल पुलिस अफसर होते हुए भी आत्महत्या करने जैसा कदम क्यों उठाया|तब एसीपी उन्हें सुल्तान(अजय देवगन) की कहानी सुनाता है|वह सुल्तान की मौत का जिम्मेदार खुद को मानता है जिसकी मौत के बाद मुंबई वह मुंबई नहीं रही जो पहले हुआ करती थी|
कहानी कुछ यूं आगे बढ़ती है...सुल्तान मिर्ज़ा नाम का एक छोटा सा बच्चा बाढ़ के पानी में बहता हुआ मुंबई आ जाता है|यह छोटा बच्चा(सुल्तान)मजदूरी कर अपना पेट भरता है|
इसी दौरान उसकी मुलाक़ात ऐसे गलत लोगों से हो जाती है जो उसे ज्यादा पैसा कमाने का लालच देते हैं और फिर वह बड़ा होकर एक स्मगलर बन जाता है|वह पैसा कमाने के लिए गलत रास्ते का इस्तेमाल तो करता है मगर साथ ही दरियादिल भी है|वह गरीबों का मसीहा है|
इस दमदार माफिया को कोई नहीं झुका सकता मगर उसकी केवल एक ही कमजोरी है रिहाना जिसका किरदार निभाया है कंगना राणावत ने|रिहाना एक चर्चित अदाकारा है|किस्मत इन दिनों को आमने सामने लेकर आती है और सुल्तान रिहाना को प्रपोज़ कर देता है|
काफी सोचने के बाद रिहाना भी सुल्तान का प्रेम प्रस्ताव मंजूर कर लेती है और फिर शुरू होता है इन दोनों का रोमांस|जिसे काफी दिलचस्प रेट्रो अंदाज़ में फिल्माया गया है|
इन दोनों की प्रेम कहानी के बाद फिल्म की कहानी घूमती है शोएब खान(इमरान हाश्मी)की तरफ जो कि एसीपी एग्नल के अंडर काम करने वाले एक पुलिस इन्स्पेक्टर का बेटा है|शोएब बहुत ही तेज़ तर्रार,चालक किस्म का इन्सान है जो पैसों के लिए कुछ भी कर सकता है|
शोएब के पिता को अपने बेटे की करतूतों की पूरी जानकारी है|इसलिए उसे सुधारने के लिए वह सुल्तान का दरवाज़ा खटखटाता है|सुल्तान शोएब के पिता की बात सुन उसे एक दुकान खोलकर देता है|
शोएब एक ज्वेलरी शॉप में काम करने वाली एक लड़की मुमताज़(प्राची देसाई) से दीवानों की तरह प्यार करता है|इसी दौरान शोएब से सुल्तान प्रभावित हो जाता है और उसे अपनी गैंग में शामिल कर लेता है|जल्द ही शोएब सुल्तान का खास आदमी बन जाता है|
इसी दौरान सुल्तान की गर्ल फ्रेंड रिहाना की तबियत अचानक बहुत बिगड़ जाती है|अस्पताल में इलाज़ के दौरान पता चलता है की रिहाना के दिल में छेद है और वह इस दुनिय में चंद दिनों की ही मेहमान है|
सुल्तान को यह बात बुरी तरह तोड़ देती है और वह रिहाना की ख़ुशी के लिए सारे बुरे काम छोड़ चुनाव में खड़े होकर गरीबों की मदद करने का फैसला करता है और इसलिए कुछ दिनों के लिए दिल्ली जाता है|दिल्ली जाने से पहले वह अपने सारे कारोबार की जिम्मेदारी शोएब को देकर जाता है|
सुल्तान की गैर मौजूदगी में शोएब आज़ादी का गलत फायदा उठाता है और ऐसे गैर क़ानूनी काम करता है जिससे मुंबई में अशांति फैल जाती है और कई लोगों की मौत हो जाती है| वह इतना गिर जाता है की एक चुनावी रैली के दौरान सुल्तान को मरने का प्लान भी बनाता है और उसे मरकर उसकी सारी सत्ता अपने नाम कर लेता है|
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि विमान बहुत कम ऊंचाई पर उड़ रहा था। थोड़ी देर में ही यह धमाके के साथ आग के गोले में तब्दील हो गया। हादसे के वक्त राजधानी में बारिश हो रही थी और घना कोहरा छाया हुआ था। हादसा संभवत: खराब मौसम की वजह से हुआ। विमान का मलबा दो पहाड़ियों के बीच फैल गया और मानव अंग भी इधर-उधर बिखरे दिखाई दिए। इससे बचाव कर्मियों को खासी मशक्कत का सामना करना पड़ा।
स्टार कास्ट:अक्षय कुमार,त्रिशा कृष्णन,मकरंद देशपांडे,राजपाल यादव,नीरज वोरा,मिलिंद गुणाजी,असरानी,अरुणा ईरानी,उर्वशी शर्मा,मनोज जोशी,टीनू आनंद,कुल भूषण खरबंदा,जॉनी लीवर
प्रोड्यूसर:अक्षय कुमार
डायरेक्टर:प्रियदर्शन
स्टार रेटिंग:3
'हेरा फेरी','हंगामा','भूल भुलैया' और 'छुप छुप के'जैसी फिल्मों के बाद डायरेक्टर प्रियदर्शन एक और नई कॉमेडी फिल्म लेकर आए हैं जिसका नाम है खट्टा मीठा। यह फिल्म 1989 में बनी मलयालम फिल्म वेल्लानाकालुड़े नाडू का रिमेक है जिसे प्रियदर्शन ने ही बनाया है।
फिल्म में मुख्य भूमिका निभाई है अक्षय कुमार और त्रिशा कृष्णन ने। फिल्म की कहानी घूमती है अक्षय कुमार के इर्दगिर्द जिन्होंने इस फिल्म में सचिन टिच्कुले नाम के एक रोड कांट्रेक्टर की भूमिका अदा की है।
सचिन टिचकुले एक बहुत बड़ा आदमी बनना चाहता है मगर परेशानी यह है कि उसके पास घूस देने के पैसे नहीं हैं|वह जहां रहता है वह इलाका बहुत ही पिछड़ा हुआ है|सचिन के सामने मुश्किलें और बढ़ जाती हैं जब उसकी एक्स गर्लफ्रेंड (गहना गणपुले)त्रिशा शहर की म्युनिस्पल कमिश्नर बन कर आ जाती है|
गहना सचिन से नफरत करती है और अपने इलाके में वह भ्रष्टाचार को बिलकुल भी बर्दाश्त नहीं करती|अक्षय का किरदार इस फिल्म में प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर.के लक्ष्मण के कॉमन मैन(आम आदमी)वाले कार्टून केरेक्टर से मेल खाता है|
हंसी मजाक के जरिए फिल्ममें भ्रस्टाचार जैसे गंभीर मुद्दे पर चोट करने की कोशिश की गई है|किस तरह भ्रष्टाचार और घूसखोरी की वजह से आज किसी भी सरकारी या गैर सरकारी विभाग में कोई काम संभव नहीं होता|इस फिल्म में यही दिखाने की कोशिश की गई है|
फिल्म में जबरदस्त कॉमेडी और बरसात में बदहाल होती सडकों के जरिए सरकारी महकमे पर व्यंग्य आपको हंसा हंसा कर लोट पोट कर देंगे|यह फिल्म अन्य कॉमेडी फिल्मों की तरह सेंसलेस नहीं है बल्कि इसमें एक सन्देश देने की कोशिश की गई है|मगर फिल्म के डायलॉग उतने प्रभावशाली नहीं हैं जितने इस फिल्म की कहानी के हिसाब से होने चाहिए|
रिमेक होने के बावजूद निर्देशक प्रियदर्शन इस फिल्म को प्रभावी ढंग से पेश करने में सफल रहे हैं|फिल्म के शुरूआती दो घंटे कैसे बीत जाते हैं पता ही नहीं चलता मगर आखिरी के चालीस मिनट उतने प्रभावी नहीं है|फिल्म के क्लाइमेक्स को और रोचक बनाया जा सकता था|
अभिनय की बात की जाये तो खट्टा मीठा में अक्षय कुमार की बेहतरीन अदाकरी देखने को मिली है|उनकी कॉमिक ट्यूनिंग कमाल की है|कॉमेडी सीन्स में अक्षय की टाइमिंग कमाल की नज़र आई है|फिल्म के शुरूआती कुछ द्रश्यों में अक्षय को कॉलेज बॉय की तरह दिखाया गया है जिसमें वह बहुत ही कूल नज़र आए हैं|
त्रिशा ने छोटे से रोल में अच्छा काम किया है|राजपाल यादव का अभिनय जानदार है और बच्चों को उनका रोल काफी पसंद आएगा|नीरज वोरा,मिलिंद गुणाजी,असरानी,अरुणा ईरानी,उर्वशी शर्मा,मनोज जोशी,टीनू आनंद,कुल भूषण खरबंदा,जॉनी लीवर जैसे कलाकारों ने अपने किरदारों को बखूबी निभाया है|वी .मनिकंदन की सिनेमेटोग्राफी अव्वल दर्जे की है|फिल्म के गाने अच्छी लोकेशंस पर फिल्माए गए हैं और मधुर भी हैं|कोरियोग्राफी भी गाने के हिसाब से ठीक है|फिल्म के पहले हिस्से की एडिटिंग काफी अच्छी है मगर आखिरी के द्रश्यों में एडिटिंग को और प्रभावशाली बनाया जा सकता था|
फिल्म खट्टा मीठा एक अच्छी मनोरंजक फिल्म है जिसमें कॉमेडी,एक्शन,रोमांस जैसे सारे मसालों के साथ एक सन्देश भी दिया गया है|
फिल्म:रेड अलर्ट- द वार विथ इन
निर्माता:टी.पी अग्रवाल
निर्देशक:अनंत महादेवन
स्टार कास्ट:सुनील शेट्टी,नसीरुद्दीन शाह,विनोद खन्ना,समीरा रेड्डी,भाग्यश्री,आएशा धरकर,सीमा बिस्वास,गुलशन ग्रोवर और आशीष विद्यार्थी
स्टार रेटिंग:3
रेड अलर्ट -द वार विथ इन जैसा कि फिल्म के टाइटल से ही पता चलता है|यह एक युद्ध पर केंद्रित फिल्म है जिसे डायरेक्टर अनंत महादेवन और लेखक अरुणा राजे ने बहुत ही बेहतरीन ढंग से पेश किया है|फिल्म में यह दिखाया गया है कि कैसे एक सीधा-साधा आदमी परिस्थितियों के चलते नक्सली बन जाता है|
नक्सलवाद इस समय देश में बहुत बड़ी समस्या है और रेड अलर्ट नक्सलवाद जैसे मुद्दे पर बनी एक गंभीर फिल्म है|लेखक ने बहुत ही बढ़िया तरीके से नक्सलियोंकी ज़िन्दगी को करीब से बताने की कोशिश की है| नक्सली दूसरों की नज़रों में भले ही आतंकवादी हों मगर वह खुद को क्रांतिकारी बताते हैं|
फिल्म में सुनील शेट्टी नरसिम्हा नाम के एक सीधे-साधे व्यक्ति के किरदार में हैं जो बहुत ही गरीब है और अपना और अपने परिवार का पेट भरने के लिए जंगल में आकर ठहरने वाले लोगों के लिए खाना बनाता है|एक दिन जंगल में ही नक्सलियों और पुलिस के बीच जंग होती है जिसमें सुनील को जबरदस्ती एक गैंग में शामिल कर लिया जाता है|
इस गैंग में विनोद खन्ना,आशीष विद्यार्थी,सीमा बिश्वास जैसे लोग रहते हैं जो आम आदमी के हक की लड़ाई लड़ते हैं|मगर सुनील उनके हिंसा वाले रस्ते को मन से अपना नहीं पता|उसे निर्दोष लोगों को मारना भी बर्दाश्त नहीं हो पाता|सुनील की तरह समीरा रेड्डी भी हालातों से मजबूर होकर नक्सलियों का साथ देने को मजबूर है|
इसी मार काट से तंग आकर सुनील एक दिन गैंग के एक व्यक्ति आशीष विद्यार्थी का खून कर वहां से भाग निकलता है और बाद पुलिस का साथ देकर नक्सलवाद को मिटाने के लिए पुलिस का साथ देने लग जाता है|
फिल्म की एडीटिंग और डायरेक्शन बेहतरीन है|साथ ही बढ़िया स्टोरी की वजह से स्क्रीनप्ले भी शानदार है| डायलॉग्स कम है मगर प्रभावशाली हैं और सिनेमेटोग्राफी भी अव्वल दर्जे की है|
अभिनय की बात की जाये तो सुनील शेट्टी का अभिनय जानदार है और अगर यह कहा जाए कि सुनील ने इस फिल्म में अपने करियर की अब तक की बेस्ट परफोर्मेंस दी है तो यह कहना गलत नहीं होगा|
आशीष विद्यार्थी और सीमा बिश्वास ने भी अपने किरदारों में जान फूंक दी है|समीरा रेड्डी ने इस फिल्म में अपने उम्दा अभिनय से सबको चौंका दिया है|साफ़ तौर पर कहा जाए तो फिल्म रेड अलर्ट एक गंभीर मगर बेहतरीन फिल्म है|
अंतर केवल दोनों परिवारों की हैसियत में ही नहीं है। पढ़ाई-लिखाई के लिहाज से भी देखें तो साक्षी होटल मैनेजमेंट में ग्रेजुएट हैं, जबकि धोनी अभी ग्रेजुएशन नहीं कर पाए हैं। साक्षी ने दो महीने पहले ही डिग्री ली है और अब कोलकाता के होटल ताज बंगाल में काम कर रही हैं। धोनी राष्ट्रीय स्तर की क्रिकेट टीम में छह साल पहले ही शामिल किए जा चुके हैं और वह करियर में कई बुलंदियों को छू चुके हैं।
कोट
खबर है कि धोनी ने साक्षी सिंह रावत से देहरादून के एक होटल कॉम्पीटेंट में सगाई की। सगाई स्थल के आसपास कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। फिलहाल साक्षी माता -पिता के साथ आसाम में रहती है। देहरादून में साक्षी की नानी का निवास बताया जा रहा है। साक्षी के करीबी रिश्तेदारों ने इस खबर की पुष्टि की है। इस सगाई को पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था। धोनी सगाई को पूरी तरह से मीडिया की चकाचौंध से दूर रखना चाहते थे और इसी बात को ध्यान रखते हुए उन्होंने अपनी सगाई के बारे में किसी को कानो-कान खबर नहीं होने दी।
गौरतलब है कि पिछले दो सालों से धोनी और साक्षी के बीच प्रेम संबंध को लेकर अटकलें लगाई जाती रही हैं जिस पर आज मुहर लग गया है। धोनी और साक्षी बचपन के मित्र हैं। दोनों ने अपने स्कूल की पढ़ाई डीएवी श्यामली में की। साक्षी रावत फिलहाल होटल मैंनेजमेंट की छात्रा हैं।
कास्ट:इमरान खान,सोनम कपूर,समीर दत्तानी,समीर सोनी,ब्रूना अब्दुल्ला
निर्देशक:पुनीत मल्होत्रा
निर्माता:करण जौहर, हीरू जौहर,रॉनी स्क्रूवाला
म्यूज़िक डायरेक्टर:विशाल शेखर
रेटिंग:2.5
फिल्म आई हेट लव स्टोरीज़ की कहानी जय(इमरान खान)और सिमरन(सोनम कपूर)के इर्द गिर्द घूमती है|जय एक नौजवान युवक है जो बॉलीवुड के सबसे बड़े रोमांटिक फिल्ममेकर वीर( समीर सोनी) का असिस्टेंट डायरेक्टर है|जय स्वभाव से बहुत ही फ्लर्टी किस्म का युवक है|जो हर लड़की के साथ फ्लर्ट करने में यकीन करता है|
वहीं दूसरी तरफ सिमरन(सोनम कपूर)बहुत ही रोमांटिक लड़की है|वह सोते जागते सिर्फ सच्चे प्यार के सपने देखती रहती है|सिमरन की लाइफ में सब कुछ बहुत ही परफेक्ट है|अच्छी जॉब,परफेक्ट बॉयफ्रेंड राज मगर यह तब परफेक्ट रहती है जब तक इसमें जय की एंट्री नहीं होती है|
सिमरन को भी उसी डायरेक्टर के साथ काम करने का मौका मिलता है जहां जय काम कर रहा होता है|एक लव स्टोरी पर काम करते करते इन दोनों की ज़िन्दगी में क्या उतार चढ़ाव आते हैं|फिल्म की कहानी इसी के इर्द गिर्द है|
फिल्म में सबसे ज्यादा आपको आकर्षित करता है इस फिल्म का टाइटल'आई हेट लव स्टोरीज़'|नए डायरेक्टर पुनीत मल्होत्रा ने इसे टिपिकल मसाला रोमांटिक फिल्म की तरह पेश किया है|जिसमें कुछ नया नहीं है|
फिल्म सिंपल है मगर आकर्षित करती है|मगर फिल्म की खास बात है इमरान सोनम की फ्रेश जोड़ी जो दर्शकों को अपनी और खीचने में कामयाब नज़र आती है|फिल्म में इन दोनों की केमिस्ट्री कमाल की है जो युवा दर्शकों को काफी पसंद आएगी|
इमरान-सोनम की तकरार धीरे-धीरे प्यार में बदलने लगती है|जय(इमरान)को लड़कियां तो पसंद हैं मगर उसे लड़कियों वाली आदत से सख्त नफरत है मगर वह धीरे धीरे बदलने लगता और सोनम को खुश करने के लिए फ़िल्मी स्टाइल अपनाता है|और प्यार में विश्वास न करने वाला जय सिमरन के लिए सेकंड हाफ में आंसू तक बहाते हुए देखा जाता है|
फिल्म का क्लाइमेक्स हमें इमरान की पहली फिल्म जाने तू या जाने न की याद दिलाता है जहां इमरान जेनेलिया को अमेरिका जाने से रोकने के लिए घोड़े पर स्वर होकर एअरपोर्ट जाते हैं|
फिल्म के डायरेक्टर पर लगता है अन्य बॉलीवुड फिल्मों और मिल्स एंड बूंस नोवेल का ज्यादा ही प्रभाव है|इमरान-सोनम के बीच के सीक्युन्सेस काफी अच्छी तरह से लिखे गए हैं|मगर सोनम के उनके पेरेंट्स और बॉयफ्रेंड समीर दत्तानी के साथ फिल्माए गए द्रश्य काफी कमज़ोर नज़र आते हैं|
नए डायरेक्टर पुनीत ने बहुत ही बढ़िया तरीके से दोनों एक्टर्स के किरदार को पिरोया है|कहीं कहीं तो आप जय और सिमरन की दुनिया में खो जाते हैं|विशाल-शेखर का संगीत काफी कैची है और युवाओं को काफी लुभा भी रहा है|बिन तेरे और बहारा गाने कमाल के हैं|
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