Saturday, July 3, 2010

'आई हेट लव स्टोरीज़'


कास्ट:इमरान खान,सोनम कपूर,समीर दत्तानी,समीर सोनी,ब्रूना अब्दुल्ला
निर्देशक:पुनीत मल्होत्रा
निर्माता:करण जौहर, हीरू जौहर,रॉनी स्क्रूवाला
म्यूज़िक डायरेक्टर:विशाल शेखर
रेटिंग:2.5

फिल्म आई हेट लव स्टोरीज़ की कहानी जय(इमरान खान)और सिमरन(सोनम कपूर)के इर्द गिर्द घूमती है|जय एक नौजवान युवक है जो बॉलीवुड के सबसे बड़े रोमांटिक फिल्ममेकर वीर( समीर सोनी) का असिस्टेंट डायरेक्टर है|जय स्वभाव से बहुत ही फ्लर्टी किस्म का युवक है|जो हर लड़की के साथ फ्लर्ट करने में यकीन करता है|
वहीं दूसरी तरफ सिमरन(सोनम कपूर)बहुत ही रोमांटिक लड़की है|वह सोते जागते सिर्फ सच्चे प्यार के सपने देखती रहती है|सिमरन की लाइफ में सब कुछ बहुत ही परफेक्ट है|अच्छी जॉब,परफेक्ट बॉयफ्रेंड राज मगर यह तब परफेक्ट रहती है जब तक इसमें जय की एंट्री नहीं होती है|
सिमरन को भी उसी डायरेक्टर के साथ काम करने का मौका मिलता है जहां जय काम कर रहा होता है|एक लव स्टोरी पर काम करते करते इन दोनों की ज़िन्दगी में क्या उतार चढ़ाव आते हैं|फिल्म की कहानी इसी के इर्द गिर्द है|
फिल्म में सबसे ज्यादा आपको आकर्षित करता है इस फिल्म का टाइटल'आई हेट लव स्टोरीज़'|नए डायरेक्टर पुनीत मल्होत्रा ने इसे टिपिकल मसाला रोमांटिक फिल्म की तरह पेश किया है|जिसमें कुछ नया नहीं है|
फिल्म सिंपल है मगर आकर्षित करती है|मगर फिल्म की खास बात है इमरान सोनम की फ्रेश जोड़ी जो दर्शकों को अपनी और खीचने में कामयाब नज़र आती है|फिल्म में इन दोनों की केमिस्ट्री कमाल की है जो युवा दर्शकों को काफी पसंद आएगी|
इमरान-सोनम की तकरार धीरे-धीरे प्यार में बदलने लगती है|जय(इमरान)को लड़कियां तो पसंद हैं मगर उसे लड़कियों वाली आदत से सख्त नफरत है मगर वह धीरे धीरे बदलने लगता और सोनम को खुश करने के लिए फ़िल्मी स्टाइल अपनाता है|और प्यार में विश्वास न करने वाला जय सिमरन के लिए सेकंड हाफ में आंसू तक बहाते हुए देखा जाता है|


फिल्म का क्लाइमेक्स हमें इमरान की पहली फिल्म जाने तू या जाने न की याद दिलाता है जहां इमरान जेनेलिया को अमेरिका जाने से रोकने के लिए घोड़े पर स्वर होकर एअरपोर्ट जाते हैं|


फिल्म के डायरेक्टर पर लगता है अन्य बॉलीवुड फिल्मों और मिल्स एंड बूंस नोवेल का ज्यादा ही प्रभाव है|इमरान-सोनम के बीच के सीक्युन्सेस काफी अच्छी तरह से लिखे गए हैं|मगर सोनम के उनके पेरेंट्स और बॉयफ्रेंड समीर दत्तानी के साथ फिल्माए गए द्रश्य काफी कमज़ोर नज़र आते हैं|


नए डायरेक्टर पुनीत ने बहुत ही बढ़िया तरीके से दोनों एक्टर्स के किरदार को पिरोया है|कहीं कहीं तो आप जय और सिमरन की दुनिया में खो जाते हैं|विशाल-शेखर का संगीत काफी कैची है और युवाओं को काफी लुभा भी रहा है|बिन तेरे और बहारा गाने कमाल के हैं|


फिल्म में कलाकारों के अभिनय की बात की जाए तो अभिनय ठीक है|फिल्म में सोनम की स्क्रीन प्रजेंस कमाल की है|वह फिल्म में बेहद खूबसूरत लगी हैं|पुनीत का निर्देशन साधारण है|फिल्म पैसा वसूल है और युवाओं को काफी पसंद आएगी|

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